देश में आएगी रोजगार की सुनामी! सरकार ने लॉन्च की अब तक की सबसे बड़ी नौकरी योजना – ELI Scheme!
जिस पल का इंतज़ार था, वो अब खत्म हो गया है! भारत सरकार ने अब तक की सबसे बड़ी रोजगार योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना का नाम है — Employment Linked Incentive Scheme (ELI)। इसका मकसद है कि आने वाले दो सालों में 3.5 करोड़ से ज्यादा नई नौकरियाँ देश में दी जाएँ।
अगर आप बेरोजगार हैं या पहली बार नौकरी करने जा रहे हैं, तो ये योजना आपके लिए एक शानदार मौका है।
क्या है Employment Linked Incentive Scheme?
इस योजना का नाम ही अपने आप में बहुत कुछ कहता है – अगर रोजगार पैदा होगा, तो सरकार आपको इनाम देगी! इस स्कीम में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों को इंसेंटिव दिया जाएगा। इसका मकसद है नए युवाओं को फॉर्मल सेक्टर में रोजगार देना और कंपनियों को नए लोगों को नौकरी पर रखने के लिए प्रोत्साहित करना।
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योजना का बजट और अवधि
हम सब जानते हैं कि देश में बेरोजगारी की स्थिति बेहद चिंताजनक है। लाखों छात्र डिग्रियां लेकर भी खाली हाथ घूम रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इस बार बजट में 2 लाख करोड़ की स्किलिंग और रोजगार योजनाएं घोषित की थीं। उनमें से 1 लाख करोड़ रुपये सिर्फ इसी योजना — ELI Scheme — पर खर्च किए जाएंगे।
दो प्रमुख हिस्से – काम करने वालों और देने वालों को सीधा लाभ
1. पहला हिस्सा: पहली बार नौकरी करने वालों को प्रोत्साहन
अगर आप 18 से 29 साल की उम्र के हैं और पहली बार किसी फॉर्मल सेक्टर में नौकरी कर रहे हैं (EPFO में रजिस्टर्ड), तो आपको ₹15,000 का इंसेंटिव मिलेगा। यह राशि दो किश्तों में दी जाएगी:
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6 महीने की नौकरी पूरी करने पर ₹7500
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12 महीने पूरे होने पर फिर ₹7500
लेकिन एक शर्त है – आपको Financial Literacy Program पूरा करना होगा, जिससे आप समझ सकें कि इस पैसे का सही उपयोग कैसे किया जाए।
Eligibility:
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पहली बार सैलरी पर नौकरी कर रहे हों।
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महीने की सैलरी ₹30,000 से कम हो।
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EPFO में पंजीकरण अनिवार्य है।
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2. दूसरा हिस्सा: नियोक्ताओं को प्रोत्साहन
जो कंपनियाँ नए कर्मचारी रखती हैं, उन्हें भी सरकार इंसेंटिव देगी:
Employee Salary | Government Incentive per Employee |
---|---|
Up to ₹10,000 | ₹1,000 per month |
₹10,000–₹20,000 | ₹2,000 per month |
₹20,000–₹1,00,000 | ₹3,000 per month |
नोट: अगर आप ₹25,000 की सैलरी पर किसी को नौकरी देते हैं, तो सरकार आपको हर महीने ₹3,000 देगी। यानी आपका नेट खर्च ₹22,000 रह जाएगा।
Eligibility:
EPFO में रजिस्टर्ड होना चाहिए।
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50 से कम कर्मचारियों वाली कंपनी को कम से कम 2 नए लोग रखने होंगे।
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50 से ज्यादा कर्मचारियों वाली कंपनी को कम से कम 5 नए लोग।
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कम से कम 6 महीने तक नए कर्मचारी को बनाए रखना होगा।
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नई भर्तियाँ होनी चाहिए, पुराने कर्मचारियों की जगह नहीं।
किन सेक्टरों को मिलेगा प्राथमिकता?
हालांकि योजना सभी सेक्टरों के लिए खुली है, लेकिन मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को खास प्राथमिकता दी गई है। अन्य प्रमुख क्षेत्र हैं:
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टेक्सटाइल
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इलेक्ट्रॉनिक्स
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इंजीनियरिंग
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रिटेल
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लॉजिस्टिक्स
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आईटी
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फूड प्रोसेसिंग
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MSMEs
पैसा कैसे मिलेगा? पूरी टेक्नोलॉजी-संचालित प्रक्रिया
इस योजना में पैसा पाने की पूरी प्रक्रिया तकनीक के ज़रिए पारदर्शी और सीधी रखी गई है, ताकि हर लाभ सही हाथों तक पहुँचे।
- योजना को Aadhaar और EPFO UID से जोड़ा गया है।
- पैसे का ट्रांसफर डायरेक्ट बैंक अकाउंट में होगा (DBT)।
- MIS सिस्टम से पूरे सिस्टम की निगरानी होगी।
- धोखाधड़ी (Ghost Employees) से बचने के लिए डिजिटल ऑडिट की व्यवस्था की गई है।
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क्या हो सकता है असर?
यह योजना देश की अर्थव्यवस्था और रोजगार बाजार पर कई सकारात्मक असर छोड़ सकती है, जो बदलाव की नई लहर लेकर आएगी:
- 3.5 करोड़ युवाओं को नई नौकरियाँ।
- फॉर्मल सेक्टर का दायरा बढ़ेगा।
- महिलाओं और MSMEs को मिलेगा फायदा।
- डिजिटल और फाइनेंशियल लिटरेसी को मिलेगा बढ़ावा।
- ‘Make in India’, ‘Aatmanirbhar Bharat’, और ‘Digital India’ जैसे अभियानों को ज़बरदस्त ताकत।
क्या होंगी चुनौतियाँ?
इतनी बड़ी योजना के साथ कुछ चुनौतियाँ भी हैं, जिन्हें सुलझाना बेहद ज़रूरी होगा ताकि इसका पूरा फायदा मिल सके:
- समय पर फंड रिलीज़ करना।
- EPFO के नियमों का पालन।
- घोस्ट एम्प्लॉइज़ से सुरक्षा।
- संविदा और सीजनल नौकरियों में रिटेंशन का संकट।
- नियोक्ताओं को इंफॉर्मल से फॉर्मल सेक्टर में लाना।